Pink shayariहथेली पर रखकर, नसीब अपनाक्यूँ हर शख्स, मुकद्दर ढूँढ़ता हैअजीब फ़ितरत है, उस समुन्दर कीजो टकराने के लिए, पत्थर ढूँढ़ता है
https://amzn.to/2NH1oIzथेली पर रखकर, नसीब अपना
क्यूँ हर शख्स, मुकद्दर ढूँढ़ता है
अजीब फ़ितरत है, उस समुन्दर की
जो टकराने के लिए, पत्थर ढूँढ़ता है
क्यूँ हर शख्स, मुकद्दर ढूँढ़ता है
अजीब फ़ितरत है, उस समुन्दर की
जो टकराने के लिए, पत्थर ढूँढ़ता है
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