फैसला उसने बेमिसाल लिया, कितनी मुश्किल में सबको डाल लिया । चंद जाने चली गयीं तो क्या, वो तो खुश है कि कर कमाल लिया । क्या सभी बेईमान हैं हम लोग, डाल उसने जो सब पे जाल लिया । मूर्ख लगते हैं सब भृम जबसे, बुद्धिमानी का उसने पाल लिया । उसको मतलब था गर अमीरों से, दम गरीबों का क्यों निकाल लिया । जीत उसको तो खेल में तय थी, उसने सिक्का खुद ही उछाल लिया । आने वाली सियासी मुश्किल का, हल 'विजय' उसने ये निकाल लिया ।
फैसला उसने बेमिसाल लिया,
कितनी मुश्किल में सबको डाल लिया ।
चंद जाने चली गयीं तो क्या,
वो तो खुश है कि कर कमाल लिया ।
क्या सभी बेईमान हैं हम लोग,
डाल उसने जो सब पे जाल लिया ।
मूर्ख लगते हैं सब भृम जबसे,
बुद्धिमानी का उसने पाल लिया ।
उसको मतलब था गर अमीरों से,
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